महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय बिथ्याणी, यमकेश्वर पौडी गढ़वाल उत्तराखंड
यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत कोटद्वार से ऋषिकेश के मध्य उच्च शिक्षा का कोई माध्यम न होने के कारण यह महसूस किया गया कि यमकेश्वर ब्लाक के ग्राम बिथ्याणी (यमकेश्वर) जो कि कोटद्वार एवम् ऋषिकेश से 70.70 किमी० के मध्य स्थित है में उच्च शिक्षा के लिए एक महाविद्यालय की स्थापना की जाये। यमकेश्वर
दुगड्डा तथा द्वारीखाल विकास क्षेत्र का मिलानी क्षेत्र के छात्र/छात्राओं खासतौर से गरीब परिवार के बालक एवं बालिकार्ये उच्च शिक्षा से वंचित रहते आये थे और धनाभाव एवं साधनाभाव के कारण काफी छात्र/छात्रायें उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते थे। इस महाविद्यालय की प्रेरणा श्री गोरक्षनाथ मंदिर गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) परम पूज्य गोरक्षापीठाधीश्वर महंत अवैद्नाथ जी महाराज वर्तमान में आदित्यनाथ जी सांसद गोरखपुर (वर्तमान मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश) ने दी और महाविद्यालय संचालन के लिए शिक्षा समिति के गठन पंजीकरण एवं भूमि की व्यवस्था करने के लिए आवश्यक मार्ग निर्देशन दिया।
उक्त निर्देशन प्राप्त होने पर महायोगी गुरु गोरखनाथ शिक्षा समिति बिथ्याणी (यमकेश्वर) पौड़ी गढ़वाल का गठन वर्ष 1998 में किया गया तथा सोसाइटी का पंजीकरण दिसम्बर 1998 में सम्पन्न हुआ। शिक्षा समिति ने फिर भूमि की व्यवस्था पर विचार किया जिसमें ग्राम बिध्याणी, मुंजरा, मलेथा एवं उमरोली के भूमि दाताओं से भूमि दान करने की अपील की गयी। उक्त सम्मानित भूमि दान दाताओं ने भूमि दान देने में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और वर्ष 1999 अक्टूबर में चार दिन में ही 179 नाली भूमि का शिक्षा समिति के नाम पर पंजीकरण हो गया।
भूमि पंजीकरण हेतु परम पूज्य महंत जी एवं क्षेत्र के दानदाताओं ने भी अपने-अपने सामर्थ्य के अनुसार दान दिया।
वर्ष 1999 से क्षेत्र में उच्चशिक्षा प्रारम्भ करने के उद्देश्य से स्थान बिथ्याणी के मिलन केन्द्र पर ट्यूटोरियल कक्षायें प्रारम्भ की गयी जो वर्ष 2004 तक संचालित होती रही। लेकिन 2004 में शिक्षा समिति के अध्यक्ष माननीय योगी आदित्यनाथ जी ने ट्यूटोरियल कक्षायें स्थगित
करके महाविद्यालय की विधिवत शासन से मान्यता तथा विश्वविद्यालय से सम्बद्धता प्राप्त करने के निर्देश दिये। अध्यक्ष जी के निर्देशानुसार शिक्षा समिति ने शासन-प्रशासन से पत्राचार शुरू किया तदुपरान्त जून 2005 को शासन से महाविद्यालय को मान्यता तथा हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल से सम्बद्धता प्राप्त हुई।
महाविद्यालय का प्रथम सत्र जुलाई 2006 से प्रारम्भ हुआ जिसमें कला संकाय के सात विषयों हिन्दी अंग्रेजी संस्कृत, राजनीति विज्ञान, इतिहास, अर्थशास्त्र एवं समाजशास्त्र विषयों में पाठ्यक्रम प्रारम्भ किया गया। वर्ष 2006 से ही महाविद्यालय में संस्थागत एवं व्यक्तिगत परीक्षायें संचालित की जाने लगी।
महाविद्यालय के नवनिर्माण हेतु स्व० आनन्द सिंह बिष्ट जी पूर्व उपाध्यक्ष महाविद्यालय समिति एवं अन्य सदस्यगणों का अविस्मरणीय योगदान रहा है। माननीय बिष्ट जी के अनेक वर्षों की तपस्या तथा अथक प्रयास से महाविद्यालय क्रमशः प्रगति के पथ पर अग्रसर हो रहा है। प्रबन्धक महोदय का सपना था कि इस महाविद्यालय का राजकीयकरण के साथ ही महाविद्यालय में स्नात्तकोत्तर की कक्षाओं सहित अन्य संकाय एव व्यवसायिक पाठ्यक्रम भी संचालित किये जा सकें जिससे इस क्षेत्र की समस्त जनता लाभान्वित हो सके महाविद्यालय के राजकीयकरण का सपना भी उनका क्रमशः शासन द्वारा अनुदानित 25 मई 2017 एवं तत्श्चात दिनांक 27 सितम्बर 2018 को महाविद्यालय के राजकीयकरण के शासनादेश सं०. 538/xxiv (7) 2018-14(घो0) 15 के रूप में पूर्ण हुआ व आज महाविद्यालय "महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय
महाविद्यालय" के रूप में स्थापित है। उनके अथक प्रयास एवं सेवाभाव के लिए समस्त क्षेत्रवासी एवं महाविद्यालय परिवार उनका आभार व्यक्त करते हैं।